उन्मनी वाङमय

श्रीनाथहंसांची विद्युत्पदपरिक्रमा।

२६/७/३९

 

विक्षेपांत वर्तुळें चतुष्कोणतीं।

अनंते सीमाविशेषीं सामावतीं।

विवर्तितें मूलशक्तिसी रजतवितीं।

छायापाद विक्षेपबिंब ।।            ।।२।।    

 

यात निर्यात हे उभय बिंदू।

सीमवीती ऎंद्रिय प्रत्ययांचा हेलासिंधू।

शबलित परावर्तित स्व स्वानंदू।

उदित - अस्तला निमिषैकीं।।                ।।३।।    

 

क्षीरोदधीची स्वच्छता धवलिमा।

श्रीनाथहंसांची विद्युत्पदपरिक्रमा।

कारणकार्पासस्थ - कर्पूरिता सुषमा।

न्यास हा संस्पर्शन विधीचा!  ।।              ।।४।।    

 

आमचा पत्ता

Dr. Samprasad and Dr. Mrs. Rujuta Vinod Shanti-Mandir, 2100, Sadashiv Peth, Vijayanagar Col. Behind S. P. college Pune - 411030 

दूरध्वनी क्रमांक

+91-20-24338120

+91-20-24330661

+91 90227 10632

Copyright 2022. Maharshi Nyaya-Ratna Vinod by Web Wide It

Search